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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

अंतरिक्ष में अब तक की सबसे तेज चमक देख अभिभूत हैं वैज्ञानिक

१७ अक्टूबर २०२२

अंतरिक्षविज्ञानियों ने अंतरिक्ष में अब तक की सबसे तेज चमक को देखा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद यह ब्लैक होल के बनने की शुरुआत का नतीजा रहा होगा.

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अंतरिक्ष में अद्भुत चमक
गामा किरणों का विस्फोटतस्वीर: NASA/Swift/A. Beardmore/AFP

अंतरिक्ष में जिसे अब तक की सबसे तेज चमक बताया जा रहा है वह धरती से करीब 2.4 अरब प्रकाश वर्ष दूर पैदा हुई है. वैज्ञानिकों के मुताबिक विद्युतचुंबकीय विकिरण के सबसे तेज स्वरूप गामा किरणों का धमाका इस चमक की वजह हो सकता है. सबसे पहले इसे कक्षा में चक्कर लगा रहे टेलिस्कोपों ने 9 अक्टूबर को देखा. धमाके के बाद फैली किरणों की रोशनी दुनिया भर के वैज्ञानिक अब भी देख रहे हैं.

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एस्ट्रोफिजिसिस्ट ब्रेंडेन ओ'कोनॉर ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि गामा किरणों के धमाके की अवधि सैकड़ों सेकेंडों की होती है. यह धमाका रविवार को हुआ था और वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह मरते हुए उन तारों से हुआ था जिनका आकार हमारे सूरज की तुलना में 30 गुना ज्यादा था. तारे सुपरनोवा विस्फोट में टूटते हैं और फिर उनसे ब्लैक होल बनता है, इसके बाद पदार्थ ब्लैक होल के चारों  ओर एक घेरे में जमा हो जाते हैं और अंदर की तरफ जाते हैं. उसके बाद बाद वहां से बड़ी तेजी से उर्जा निकलती है जिसकी गति प्रकाश के गति की 99.99 फीसदी होती है.

गामा किरणों का विस्फोट
वैज्ञानिक इस घटना से अलग अलग संकेतों को खंगालने में जुटे हैंतस्वीर: International Gemini Observatory/NOIRLab/NSF/AURA/AFP

रिकॉर्ड उर्जा

इस बार के धमाके में चमक के साथ निकले फोटॉन में 18 टेरालेक्ट्रॉनवोल्ट की उर्जा थी जो रिकॉर्ड है. 18 टेराइलेक्ट्रॉनवोल्ट का मतलब है 18 के बाद 12 शून्य लगाने से जो संख्या बनेगी उतने वोल्ट. इस धमाके का पृथ्वी के आयनोस्फेयर में रेडियो संचार पर भी असर हुआ. चिली के जेमिनी साउथ टेलिस्कोप में इंफ्रारेड उपकरणों का इस्तेमाल करने वाले ओ'कोनॉर का कहना है, "यह सचमुच रिकॉर्ड तोड़ रहा है, फोटॉन की संख्या के मामले में भी और उनकी ऊर्जा के मामले में भी जो हम तक पहुंच रही है. इस तरह की कोई घटना का हमारे पास होना सचमुच सदी की एक घटना है."

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गामा किरणों पर रिसर्च 1960 के दशक में पहली बार शुरू हुई. उस वक्त सोवियत संघ के आकाश में बम धमाकों का पता करने के लिए तैयार की गई अमेरिकी सैटेलाइट ने बताया कि ये धमाके वास्तव में हमारी आकाशगंगा के बाहर से हो रहे हैं. ओ'कोनॉर ने बताया, "गामा किरणों के धमाके में आम तौर पर कुछ सेकेंडों में उतनी ही ऊर्जा निकलती है जितनी कि हमारा सूरज पूरे जीवनकाल में पैदा करता है. इस बार की घटना सबसे ज्यादा चमकदार थी."

अंतरिक्ष में गामा किरणों का विस्फोट
गामा किरणों के विस्फोट में भारी ऊर्जा निकलती हैतस्वीर: ESO/dpa/picture-alliance

ब्लैक होल के बारे में जानकारी

गामा किरणों के इस धमाके को GRB 221009A नाम दिया गया है. इसे नासा के फेर्मी गामा रे स्पेस टेलिस्कोप, नील गेरेल्स स्विफ्ट ऑब्जरवेटरी और विंड स्पेसक्राफ्ट ने सबसे पहले देखा.

इसकी शुरुआत सैजिटा तारामंडल की तरफ से हुई और करीब 1.9 अरब वर्ष का सफर तय करके पृथ्वी तक पहुंची. इस घटना को देखना एक तरह से ऐसा था जैसे वैज्ञानिक 1.9 अरब साल के घटनाओं रिकॉर्डिंग को आंखों के आगे चलते देख रहे हों. वैज्ञानिकों को इस घटना ने ब्लैक होल के निर्माण के बारे में भी नई जानकारी जुटाने का एक बढ़िया मौक दिया.

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अगले कुछ हफ्तों तक ओ'कोनॉर और उनके सुपरनोवा के निशानों को ऑप्टिकल और इंफ्रारेड पर देखते रहेंगे ताकि चमक को लेकर जो उनकी अवधारणा है उसकी पुष्टि कर सकें. हालांकि दुर्भाग्य यह है कि धमाके की शुरुआती चमक एमेच्योर लोगों को भी दिख रही थी लेकिन उसके बाद तेजी से ओझल होती चली गई.

सुपरनोवा विस्फोटों को सोना, प्लैटिनम, यूरेनियम जैसे भारी तत्वों के निर्माण के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है. अंतरिक्षविज्ञानी इसके संकेतों की भी खोज करेंगे.

एनआर/ओएसजे (एएफपी)

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