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तारे में विस्फोट के बिना बना ब्लैकहोल मिला

१९ जुलाई २०२२

अंतरिक्ष विज्ञानियों ने ‘मिल्की वे’ आकाशगंगा के बगल में एक ब्लैक होल का पता लगाया है. वो इसे 'भूसे की ढेर में सुई' खोजने की संज्ञा दे रहे हैं.

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वैज्ञानिकों ने नया ब्लैकहोल ढूंढ निकाला है
वैज्ञानिकों ने नया ब्लैकहोल ढूंढ निकाला हैतस्वीर: L. Calcada/ESO/REUTERS

इस ब्लैक होल को ना सिर्फ निष्क्रिय श्रेणी में डाला गया है बल्कि ऐसा लगता है कि यह किसी तारे की मौत के धमाके के बगैर ही बना था. सोमवार को रिसर्चरों ने बताया कि यह दूसरे ज्ञात ब्लैक होल से इस मामले में अलग है कि "यह एक्स-रे क्वाइट" है यानी ताकतवर एक्स-रे का विकिरण नहीं कर रहा है.

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रिसर्चरों के मुताबिक यह अपने आसपास की चीजों को अपने शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण से निगल तो रहा है लेकिन यह किसी तारे के धमाके यानी सुपरनोवा के बिना पैदा हुआ है.

ब्लैकहोल का गुरुत्वाकर्षण बल

ब्लैक होल आमतौर पर असाधारण रूप से सघन होते हैं और इनका गुरुत्वाकर्षण बल इतना ज्यादा होता है कि प्रकाश की भी उनके पार नहीं जा पाता.

ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बल बहुत ज्यादा होता है
ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बल बहुत ज्यादा होता हैतस्वीर: EHT Collaboration/National Science Foundation/AFP

इस नये ब्लैक होल का वजन हमारे सूरज की तुलना में कम से कम 9 गुना ज्यादा है. इसकी खोज लार्ज मागेलानिक क्लाउड के तारंतुला नेबुला इलाके में हुई है और यह पृथ्वी से करीब 160,000 प्रकाश वर्ष दूर है. एक प्रकाश वर्ष का मतलब उस दूरी से है जो प्रकाश की किरणें एक साल में तय करती हैं यानी तरीबन 9.5 लाख करोड़ किलोमीटर.

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इस ब्लैक होल की कक्षा में एक बेहद चमकीला और गर्म नीले रंग का तारा इसकी परिक्रमा कर रहा है. इस तारे का वजन हमारे सूरज की तुलना में करीब 25 गुना ज्यादा है. रिसर्चरों का अनुमान है कि यह तारा एक दिन ब्लैक होल बन जायेगा और फिर इसके साथ मिल भी सकता है.

निष्क्रिय ब्लैक होल खोजना मुश्किल

निष्क्रिय ब्लैक होल को दूसरे ब्लैक होल की तुलना में ज्यादा आम समझा जाता है लेकिन इनकी खोज करना मुश्किल होता है. क्योंकि ये अपने आसपास के वातावरण से बहुत कम संपर्क रखते हैं. इससे पहले कई ऐसे ब्लैक होल के दावे बाद के अध्ययनों में खारिज कर दिए गये. इस ब्लैक होल की खोज करने वाली टीम के साथ भी पहले ऐसा हो चुका है.

ब्लैक होल आपने आसपास से गुजरने वाली हर चीज को अपनी ओर खींच लेता है
ब्लैक होल आपने आसपास से गुजरने वाली हर चीज को अपनी ओर खींच लेता हैतस्वीर: NASA/Sonoma State University, Aurore Simonnet

एम्सटर्डम यूनिवर्सिटी के अंतरिक्ष विज्ञानी तोम शेनार इस ब्लैक होल की रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख लेखक हैं. उनका कहना है, "ऐसे चीजों की खोज करना बड़ी चुनौती है, हमने भूसे के ढेर में से सुई खोजी है." रिसर्च रिपोर्ट के सह लेख करीम अल बादरी का कहना है, "अंतरिक्ष विज्ञानियों ने कई दशकों तक ढूंढने के बाद इस तरह की किसी चीज का पता लगाया है."

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रिसर्चरों ने चिली की यूरोपीय सदर्न ऑब्जरवेटरी की विशाल दूरबीन के छह साल के पर्यवेक्षणों का इस्तेमाल किया.

कई तरह के ब्लैकहोल

ब्लैकहोल की कई श्रेणियां हैं. हाल ही में खोजे इस ब्लैकहोल जैसे बेहद छोटे ब्लैक होल का निर्माण विशाल तारों का जीवन चक्र खत्म होने के नतीजे में होता है. इसके अलावा कुछ इंटरमीडिएट ब्लैक होल और कुछ बहुत विशाल ब्लैक होल भी हैं जो ज्यादातर आकाशगंगाओं के केंद्र में होते हैं.

रिसर्च में शामिल यूलिया बोडेंस्टाइनर का कहना है, "ब्लैकहोल मूलभूत रूप से बहुत अंधेरी चीजें हैं. उनसे कोई प्रकाश नहीं निकलता. इसलिए ब्लैकहोल का पता लगाने के लिए आमतौर पर हम बाइनरी सिस्टम का उपयोग करते हैं. इसमें हम देखते हैं कोई चमकीला तारा एक ऐसी चीज के इर्द गिर्द चक्कर लगा रहा है जो दिखाई नहीं दे रही."

ब्लैक होल भी कई तरह के होते हैं
ब्लैक होल भी कई तरह के होते हैंतस्वीर: ESA/Hubble, N. Bartmann

मोटे तौर पर यह माना जाता है कि किसी बड़े तारे का ब्लैकहोल में मिल जाना ताकतवर सुपरनोवा विस्फोट से जुड़ा है. इस मामले में हमारे सूरज के आकार से 20 गुना बड़ा कोई तारा मौत के करीब आने पर अपना मटीरियल अंतरिक्ष में उड़ेलता रहता है और फिर कभी खुद को भी बिना किसी विस्फोट के इसके हवाले कर देता है.

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इस ब्लैकहोल की कक्षा का आकार इस बात का सबूत है कि यहां धमाका नहीं हुआ. शेनार ने बताया, "इसकी कक्षा बिल्कुल गोल है." उनके मुताबिक अगर यहां कोई सुपरनोवा हुआ होता तो विस्फोट के बल से नया बना ब्लैकहोल की कक्षा गोल की बजाय किसी और आकृति में होती. ब्लैक होल अपने गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से आसपास से गुजरने वाली गैसों, धूल और तारों को बड़ी क्रूरता से अपने अंदर समेट लेते हैं.

एनआर/एडी (रॉयटर्स)