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कैसे एक ऐप से पहलवानों की तस्वीर बदल दी गई

आमिर अंसारी
२९ मई २०२३

एक सॉफ्टवेयर की मदद से मॉडिफाई की हुई तस्वीर को इस दावे के साथ साझा किया गया कि पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपने विरोध को लेकर गंभीर नहीं हैं.

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महिला पहलवान साक्षी मलिक को उठाकर ले जाती पुलिस
महिला पहलवान साक्षी मलिक को उठाकर ले जाती पुलिसतस्वीर: Altaf Qadri/AP Photo/picture alliance

दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के साथ-साथ आयोजकों और उनके समर्थकों के खिलाफ दंगा करने और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में रविवार को एफआईआर दर्ज की है.

पुलिस ने उन्हें सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला "महापंचायत" के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून-व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया था.

जंतर-मंतर से नए संसद भवन तक मार्च निकाल रहे पहलवानों और दिल्ली पुलिस कर्मियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई और इसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए.

पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लेने के बाद जंतर-मंतर से खिलाड़ियों के लगाए तंबू और टेंट को उखाड़ दिया. महिला पहलवानों को बस में सवार हो कर पुलिस जब रवाना हुई तो बस में सवार महिला पहलवानों की मुस्कुराती हुई तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई लेकिन पहलवान बजरंग पूनिया ने फौरन इसे फेक बताया और कहा कि यह "आईटी सेल वाले फर्जी तस्वीर फैला रहे हैं."

बजरंग पूनिया ने फेक तस्वीर के साथ असली तस्वीर भी लगाई जिसमें महिला पहलवान विनेश फोगाट और उनकी बहन संगीता फोगाट नजर आ रही हैं. फेक तस्वीर में दोनों बहनें मुस्कुरा रही हैं लेकिन असली तस्वीर में दोनों गंभीर नजर आ रही हैं. पूनिया ने अपने ट्वीट यह भी कहा अगर जो यह "फेक तस्वीर पोस्ट करेगा उसके खिलाफ शिकायत की जाएगी."

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कैसे तैयार होती है ऐसी फेक तस्वीर

एआई के इस दौर में तमाम ऐसे टूल्स मौजूद हैं जिनकी मदद से फेक तस्वीर बनाई जा सकती है. विनेश फोगाट और संगीता फोगाट की तस्वीर के साथ भी ऐसी ही एक तकनीक का इस्तेमाल किया गया.

रविवार को सैकड़ों लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया
रविवार को सैकड़ों लोगों को पुलिस ने हिरासत में लियातस्वीर: Altaf Qadri/AP Photo/picture alliance

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के साथ काम करने वाले पत्रकार उजैर रिजवी ने एक वीडियो बनाकर इसके इस्तेमाल के बारे में विस्तार से समझाया. उन्होंने बताया कि फेसऐप नाम के सॉफ्टवेयर से यह मुमकिन हो पाया है. ट्विटर पर डाले एक वीडियो में उन्होंने बताया कि यह ट्रिक कैसे काम करती है और फिल्टर की मदद से चेहरे पर मुस्कान लाई जा सकती है.

फेसऐप से असली तस्वीर में छेड़छाड़

इस फेक ट्वीट में भी फेसऐप का इस्तेमाल किया गया था और पहलवानों की असली तस्वीर को संशोधित कर उसमें स्माइली इफेक्ट जोड़ कर बदल दिया गया था. इस बदलाव के बाद मूल तस्वीर पूरी तरह से ऐसी नजर आती है जिसमें लगता है कि तस्वीर में दिख रहे लोग मुस्कुरा रहे हैं, हालांकि वास्तव में ऐसा नहीं है.

इस फेक तस्वीर के जरिए एक संदेश देने की कोशिश की गई थी पहलवान अपने विरोध प्रदर्शन को लेकर गंभीर नहीं हैं और वे पुलिस हिरासत में मुस्कुरा रहे हैं.

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पहलवानों ने कहा जारी रहेगा आंदोलन

हालांकि पहलवानों ने साफ कर दिया है कि उनका आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है. ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा, "दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृज भूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए. क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है सरकार कैसे अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है."

दूसरी ओर दिल्ली पुलिस का कहना है कि पहलवान अगर भविष्य में धरने की इजाजत मांगेंगे तो इजाजत दी जा सकती है लेकिन उन्हें जंतर-मंतर पर धरने की इजाजत नहीं दी जाएगी.

दिल्ली पुलिस की उपायुक्त सुमन नलवा ने कहा, "हमने पिछले 38 दिनों से जंतर-मंतर पर विरोध कर रहे पहलवानों को हर संभव सुविधाएं प्रदान कीं. लेकिन कल उन्होंने सभी अनुरोधों के बावजूद कानून का उल्लंघन किया...उन्हें हिरासत में लिया गया और शाम तक रिहा कर दिया गया था."

दरअसल पहलवान 23 अप्रैल से कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. उन्होंने पुलिस से सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत भी दी है. लेकिन सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने पर उन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन वाले दिन "महापंचायत" का ऐलान किया था लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया.