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इस बार आर-पार के मूड में महिला पहलवान

आमिर अंसारी
२ मई २०२३

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ महिला पहलवानों का धरना जारी है. वे उनकी गिरफ्तारी और पद से हटाए जाने की मांग कर रही हैं. खिलाड़ी यौन शोषण जैसी घटनाओं पर इस बार बहुत मुखर हैं.

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India/Wrestlers protest.
तस्वीर: Rauoof Ganie/DW

दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले महीने की 23 तारीख से धरने पर बैठीं ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक का कहना है, "बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि हम इतने दिनों से यहां धरने पर बैठे हैं और लड़कियों के लिए गलत मैसेज जा रहा है कि अगर हमारे साथ कुछ गलत हुआ तो आवाज नहीं उठा पाएंगे." मलिक का कहना है कि अगर अबकी बार कुछ नहीं हुआ तो बहुत गलत संदेश जायेगा.  

दिल्ली में एक बार फिर ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और तीन बार की राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन और भारत की सबसे सफल महिला पहलवानों में से एक विनेश फोगाट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों को लेकर हल्ला बोल दिया है.

23 अप्रैल से शुरू हुआ धरना अब धीरे-धीरे एक आंदोलन का रूप ले रहा है. सुबह-सुबह खिलाड़ी यहां वार्म अप करते हैं और रोड पर ही ट्रेनिंग करते हैं. धरने के बीच उन्होंने उस खेल को नहीं छोड़ा है जिसने उन्हें कई पदक, नाम और शोहरत दिलाए. हालांकि लगता है कि उनकी यह लड़ाई अभी लंबी चलेगी.

ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिकतस्वीर: Rauoof Ganie/DW

इन पहलवानों का आरोप है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण किया है. दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद सिंह के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन पहलवानों का धरना जारी है. वे उनकी गिरफ्तारी और उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे हैं.

यौन शोषण एक डरावना सच

रियो ओलंपिक 2016 में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वालीं साक्षी मलिक डीडब्ल्यू हिंदी से कहती हैं, "सिर्फ कुश्ती ही नहीं बल्कि और खेलों में यही समस्या हो सकती हैं." उनका यह भी कहना है, "अभी तो मैं ठीक हूं. भगवान ने मुझे बहुत शक्तिशाली बना दिया है, अपने पैरों पर खड़ी हूं, बोलने की क्षमता रखती हूं, लेकिन कई लड़कियां हैं जो स्टैंड नहीं ले पातीं, बोल नहीं पातीं. वे आर्थिक तौर पर मजबूत नहीं हैं."

यौन शोषण के आरोपों के बाद खेल संगठनों में नेताओं की भूमिका पर सवाल

साक्षी भी मानती हैं कि उनके साथ भी बचपन में कई बार छेड़छाड़ की हरकतें हो चुकी हैं. साक्षी बताती हैं, "अपने इंडिया में ये मान लीजिए कि करीब-करीब हर लड़की को यह भुगतना पड़ता है और इसी को खत्म करने के लिए हम यह कदम उठा रहे हैं."

साक्षी उन दिनों को याद करते हुए कहती हैं कि जब वह बस में सफर करती थीं या फिर ट्यूशन के लिए जाती थीं तो उनके साथ कैसी कैसी बातें होतीं थीं. साक्षी कहती हैं, "मैं कितनी कहानियां बताऊं, अब मेरे अंदर इतनी ताकत आई है कि मैं बोल सकती हूं. उन कहानियों को याद करती हूं तो मुझे लगता है कि काश उस वक्त मेरे अंदर इतनी ताकत होती मैं वहीं उनको रोक पाती."

ताकतवर नेता के खिलाफ लड़ाई

जंतर मंतर पर चोटी की महिला पहलवानों का धरना कई बार से बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों को लेकर है. इससे पहले इसी साल जनवरी में इन पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. महिला पहलवानों का आरोप है कि सिंह ने कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है. उनकी मांग है कि सिंह को गिरफ्तार कर जेल में डाला जाना चाहिए.

बृजभूषण शरण सिंह कितने ताकतवर और प्रभावशाली हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में इन खिलाड़ियों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा. आखिरकार 28 अप्रैल को जब मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई तो सरकार की तरफ से बताया गया कि सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

एक नाबालिग समेत, सिंह के खिलाफ सात महिला खिलाड़ियों ने दिल्ली पुलिस में यौन शोषण का आरोप लगाकर शिकायत की थी.  जब शिकायत करने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो उन्हें अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठना पड़ा. सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं. एक एफआईआर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज है.

क्या कहते हैं बृजभूषण शरण सिंह

बृजभूषण शरण सिंह ने एफआईआर लिखे जाने के एक दिन बाद कहा था कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि इस्तीफा देने का मतलब होगा कि उन्होंने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को स्वीकार कर लिया है.

सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियों पर भरोसा किया जाना चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि तीन महीने पहले तक पहलवान एफआईआर लिखाने क्यों नहीं गए. उन्होंने कहा कि जल्द ही "दूध का दूध और पानी का पानी" हो जाएगा.

सिंह ने सोमवार को यह भी आरोप लगाया कि वे निशाने पर नहीं हैं, इनके निशाने पर पार्टी (बीजेपी) है. उन्होंने कहा, "इन खिलाड़ियों को पैसे मिले हैं." उन्होंने कहा, "टुकड़े-टुकड़े गैंग, शाहीन बाग, किसान आंदोलन में शामिल ताकतें इसमें शामिल लगती हैं." साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी इस्तीफा देने को कहती है तो वे इस्तीफा दे देंगे.

अधिकारों के लिए राजनीतिक अखाड़े में पहलवान
अधिकारों के लिए राजनीतिक अखाड़े में पहलवानतस्वीर: Rauoof Ganie/DW

सिंह का कहना है कि देश के शीर्ष पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के कारण पिछले चार महीने से खेल की सभी गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं. उन्होंने कहा कि वह फांसी के लिए तैयार हैं लेकिन कुश्ती की गतिविधियां नहीं रुकनी चाहिए, इससे पहलवानों और जूनियर खिलाड़ियों को नुकसान हो रहा है.

भारतीय ओलंपिक संघ (आईएओ) ने सिंह के खिलाफ दावों की जांच के लिए जनवरी में एक पैनल का गठन किया था, लेकिन एथलीटों का कहना है कि अब तक हुई कार्रवाई अपर्याप्त है.

पहलवानों को व्यापक समर्थन मिल रहा है
पहलवानों को व्यापक समर्थन मिल रहा हैतस्वीर: Rauoof Ganie/DW

पहलवानों के समर्थन में स्टार खिलाड़ी

टेनिस की दिग्गज खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने पिछले दिनों ट्विटर पर कहा कि अपने साथी एथलीटों को संकट में देखना मुश्किल भरा है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "एक एथलीट और उससे भी ज्यादा एक महिला के तौर पर यह देखना बहुत मुश्किल है. उन्होंने हमारे देश का नाम रोशन किया है और हम सभी ने उनके साथ उनका जश्न मनाया है. अब इस मुश्किल वक्त में उनके साथ खड़े होने का समय आ गया है. यह बेहद संवेदनशील मामला है और गंभीर आरोप हैं. मुझे उम्मीद है कि जो भी सच्चाई है उसे न्याय मिलेगा."

पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भी पहलवानों के समर्थन में ट्वीट किया है. उन्होंने कहा, "बहुत दुख की बात है कि हमारे चैंपियंस जिन्होंने देश का बड़ा नाम किया है, झंडा लहराया है, हम सबको इतनी खुशियां दी हैं, उन्हें आज सड़क पर आना पड़ा है. बड़ा संवेदनशील मामला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. उम्मीद है खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा."

विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप की दो बार गोल्ड मेडल विजेता निकहत जरीन ने भी खिलाड़ियों का समर्थन किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "हमारे ओलंपिक और विश्व पदक विजेताओं को इस हाल में देखकर मेरा दिल टूट गया है. खेल से जुड़े लोग भी गौरव और सम्मान लाकर देश की सेवा करते हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि कानून अपना काम करेगा और इस मामले में जल्द से जल्द न्याय मिले. जय हिन्द."

ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने भी पुलिस से "न्याय सुनिश्चित करने के लिए" एक त्वरित जांच शुरू करने का आह्वान किया है. इसी तरह से ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले अभिनव बिंद्रा ने भी अपना समर्थन जाहिर किया है.

जंतर मंतर पर इन पदक विजेताओं का धरना यूं ही जारी है और हर रोज किसी ना किसी दल का नेता यहां पहुंचकर उन्हें समर्थन दे रहा है. कांग्रेस, आप, लेफ्ट, भीम आर्मी, डीएमके और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियों ने महिला पहलवानों के इस धरने का समर्थन किया है.

आम लोग, खाप पंचायतें, किसान संगठन, महिला संगठन और वकीलों-डॉक्टरों के समूह दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंच कर आंदोलन कर रहे पहलवानों को समर्थन दे चुके हैं.

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