तुर्की की इस शहद को 'मैड हनी' क्यों कहते हैं
दीवाने कहते हैं कि यह शहद दिल की धड़कनों, पेट की गड़बड़ियों और यहां तक कि नपुंसकता को भी ठीक कर सकती है. हालांकि हर साल सैकड़ों लोग इसे कंठ से उतारने के बाद अस्पताल में पहुंच जाते हैं. क्या बला है यह "मैड हनी."
बुरुश की शहद
पोंटिक आल्प्स की हरी भरी वादियां बुरुश की एक उपजाति का घर हैं. इसके बैंगनी रंग के फूलों में भरे पराग से 'मैड हनी' को उसका रंग मिलता है. इसमें ग्रायानोटॉक्सिन नाम का एक न्यूरोटॉक्सिन होता है जो दिल की धड़कनों को धीमा करने के साथ ही भ्रमित करने वाले झटके देता है.
शहद से कोई समस्या नहीं
मधुमक्खीपालक बायराम डेमिर्जिलर इस बात पर अडिग हैं कि इस शहद ने "कभी कोई समस्या नहीं पैदा की." साल अच्छा हो तो उत्तरपूर्वी रिजे प्रांत के छत्तो से वह 350 किलो तक 'मैड हनी' यानी बुरुश की शहद जमा कर लेते हैं.हालांकि सारे लोगों की राय इस शहद के बारे में ऐसी नहीं है.
ब्लडप्रेशर पर असर
मधुमक्खीपालक मुस्तफा ओगुज अल्परसलान कहते हैं, "यह उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा है," लेकिन वह सावधान करते हैं कि ज्यादा खाने पर ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से नीचे जा सकता है. इस की कम मात्रा में उपयोग की सलाह देने वाले होम्योपैथिक डॉक्टरों का कहना है कि यह दिमाग में रक्त प्रवाह को धीमा कर सकता है, जिससे चक्कर आना, बेहोशी या फिर भ्रम (हैलुसिनेशन) की स्थिति पैदा हो सकती है.
भालू भी हुआ मदमस्त
यह शहद भालुओं को भी मदमस्त कर सकता है. तुर्की से लगते काले सागर के पास अगस्त 2022 में एक भालू शहद के छत्तों के पास बेहोश पाया गया था. तुर्की के वन और कृषि विभाग का कहना था कि ज्यादा मात्रा में 'मैड हनी' खा कर भालू बेहोश हो गया. उसी महीने एक बस ड्राइवर ने भी नशे की हालत में ट्रैफिक लाइट पर कारों को टक्कर मारने के लिए इसी शहद को दोषी बताया.
शहद खा कर अस्पताल में
ताबजोन के एक अस्पताल में प्रोफेसर अब्दुलकादिर गुंदुज बुरे सालों में 30-100 लोगों का इलाज करते हैं जो शहद खा कर सड़कों के किनारे पड़े होते हैं. गुंदुज का कहना है कि मुमकिन है कि पूरे इलाके में हजारों ऐसे मामले होते हों. उन्होंने यह भी बताया कि नशे में धुत्त मरीजों में 80 फीसदी से ज्यादा 50 साल की उम्र से ऊपर की आयु वाले पुरुष होते हैं.
इतिहास में 'मैड हनी'
काले सागर के ऊपर ऊंचे पर्वतों में बनने वाली इस शहद के नशे का जिक्र प्राचीन इतिहास में भी है. पोम्पे के तीन रोमन दस्तों को पोंटिन राजा मिथ्रिडेट्स ने रास्ते में "मैड हनी" के बर्तन रखवा कर नकारा कर दिया था. अगाथा क्रिस्टी के उपन्यास 'द हॉन्टिंग इन वेनिस' में भी इसकी बात की गई है.
यौन ताकत की सनक
रिजे से 20 किलोमीटर दूर कायेली में नेजमेतिन कोलाक अपने ग्राहकों को खाली पेट एक चम्मच शहद खाने को कहते हैं. 'मैड हनी' को कई महीनों तक स्टोर करके वह इसके अवगुणों को दूर करते हैं, और फिर खुद चखने के बाद इसे वह 55 यूरो प्रति किलो के हिसाब से बेचते हैं. यौन ताकत की चाह रखने वालों को वह 'मैड हनी' इसकी बजाय चेस्टनट हनी की सलाह देते हैं.
सावधानी ही बचाव है
हर कोई 'मैड हनी' के साथ सावधानी नहीं बरतता. त्राबजोन प्रांत के अलातिन देमिर्जी को शहद खाने के बाद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. उसके बाद वह फेसबुक पर लगातार कई हफ्तों तक अपनी ड्रिप लगी तस्वीर डाल कर लोगों को बताते रहे कि वह बिना कुछ किए ही "मरने की कगार" पर पहुंच गए थे और अब कभी इसे नहीं खाएंगे.