कार्बन पुरातत्वेत्ताओं की समयकाल जानने में मदद करते हैं. जहां भारी आइसोटोप्स समय के साथ नष्ट होते जाते हैं, वहीं हल्के आइसोटोप्स की संख्या समान रहती है. तो दो कार्बन आइसोटोप्स के बदले हुए अनुपात की तुलना करके हम किसी इंसान की मौत की सटीक गणना कर सकते हैं.