1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बढ़ रहे हैं पर्यावरण के अनुकूल जहाजों के खरीदार

४ जुलाई २०२३

वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के लगभग तीन फीसदी के लिए जिम्मेदार शिपिंग उद्योग में पर्यावरण के अनुकूल काम करने के नतीजे सामने आने लगे हैं.

https://p.dw.com/p/4TNLX
जर्मनी के हैम्बर्ग में खड़ा एक जहाज
जर्मनी के हैम्बर्ग में खड़ा एक जहाजतस्वीर: Michael Bihlmayer/CHROMORANGE/picture alliance

समुद्री जहाजों के निर्माण को पर्यावरण के अनुकूल बनाने की शुरुआती कोशिशों का नतीजा सामने आने लगा है. अब जहाजरानी उद्योग को ऐसे जहाजों के ज्यादा ऑर्डर मिल रहे हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं या ऐसे तरीकों से बनाये गये हैं.

जर्मनी के मशीनरी और औजार बनाने वाले उद्योगपतियों के संगठन वीडीएमए के अध्यक्ष मार्टिन योहान्समान ने कहा है कि जहाजरानी उद्योग को क्लाइमेट न्यूट्रल बनाने के लिए किया जा रहा निवेश अब कामयाब हो रहा है. उन्होंने कहा, "नये निर्माण और खासकर पुराने जहाजों के आधुनिकीकरण से जुड़ी योजनाओं पर जर्मनी की मैरिटाइम सप्लाई इंडस्ट्री विशेष ध्यान दे रही है."

बढ़ गये हैं ऑर्डर

वीडीएमए के मुताबिक 2022 में जहाजों के ऑर्डर आठ फीसदी बढ़ गये और इस साल भी ऑर्डर लगातार बढ़ रहे हैं.  इससे रोजगार भी बढ़ रहा है. पिछले साल जर्मनी के जहाजरानी उद्योग में रोजगार में 1.6 फीसदी की वृद्धि हुई और कुल कामगारों की संख्या 64,000 पर पहुंच गयी. कंपनियां और ज्यादा लोगों की तलाश में थी लेकिन कुशल लोगों की कमी के कारण यह पूरी नहीं हो पायी.

नये कपड़े खरीदने से पहले यह सोचिये कि धरती पर कितना बोझ बढ़ेगा

योहान्समान का कहना है कि अब सबसे बड़ी बाधा कुशल कारीगरों की कमी के कारण ऑर्डर वक्त पर पूरे कर पाना है. उन्होंने कहा, "इसलिए हम लगातार कामगारों की तलाश कर रहे हैं और कंपनियां खूब भर्तियां कर रही हैं.”

जर्मनी का यह उद्योग जहाजों के लिए महत्वपूर्ण पुर्जे सप्लाई करता है जिनमें प्रोपैलर से लेकर नेविगेशन सिस्टम और डीजल इंजन से लेकर इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल उपकरण आदि शामिल हैं. इसकी 80 फीसदी आय निर्यात से होती है.

जहाजरानी पर दारोमदार

सोमवार को ही संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जहाजरानी उद्योग में लगे देशों से आग्रह किया था कि 2050 तक इस उद्योग को कार्बन न्यूट्रल बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं. यूएन महासचिव अंटोनियो गुटेरेश लंदन में इंटरनेशनल मैरिटाइम ऑर्गेनाइजेशन (आईएमओ) की बैठक में बोल रहे थे, जो लंदन में शुरू हुई है. गुटेरेश ने कहा कि पेरिस समझौते के तहत तय किये गये लक्ष्यों को बिना शिपिंग इंडस्ट्री की मदद के हासिल नहीं किया जा सकता, जो वैश्विक उत्सर्जन के लगभग तीन फीसदी के लिए जिम्मेदार है.

गुटेरेश ने बैठक में शामिल सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे जहाजरानी में एक नयी ग्रीन हाउस गैस रणनीति अपनाएं जो कार्बन उत्सर्जन और स्वच्छ ईंधनों के इस्तेमाल को ध्यान में रखकर बनायी जानी चाहिए. आईएमओ 2050 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को 2008 के कुल स्तर से आधा करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है.

गुटरेश ने कहा कि नये लक्ष्यों में उद्योग द्वारा किया जाने वाला हर तरह का उत्सर्जन शामिल किया जाना चाहिए और कार्बन प्राइसिंग लागू करने पर भी विचार होना चाहिए. इस दिशा में काम कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि शिपिंग उद्योग पर कार्बन टैक्स लगाया जाना चाहिए और उससे जो धन जमा हो उसे पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों के विकास में खर्च किया जाना चाहिए.

जर्मन लोगों की थाली से गायब हो रहा है मांस

मई में ऐसी खबरें आई थीं कि उद्योग से जुड़े संगठन अपने सदस्यों को पर्यावरण के अनुकूल तकनीक और गतिविधियों के इस्तेमाल के बारे में समझौते करने के खिलाफ आगाह कर रहे हैं. समाचार एजेंसी एपी ने खबर दी थी कि दुनिया के तीन चौथाई शिपिंग उद्योगपतियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंटरनेशनल चैंबर ऑफ शिपिंग ने अपने सदस्यों से कहा कि किसी भी तरह के मुश्किल लक्ष्य स्वीकार करने से पहले संभावित नतीजों पर विचार कर लें.

वीके/एए (डीपीए, एपी)