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आकाशगंगा में रहस्यमयी चीज देख खगोलविद हैरान

२८ जनवरी २०२२

ऑस्ट्रेलियाई खगोलविदों ने आकाशगंगा में एक असामान्य और अनजान वस्तु की खोज की है, जो एक निश्चित अंतराल पर रेडियो तरंग किरण उत्सर्जित करती है. शोधकर्ताओं के मुताबिक इससे पहले कभी ऐसी कोई चीज नहीं दिखी है.

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तस्वीर: Natasha Hurley-Walker/ICRAR/Curtin/GLEAM Team

ऑस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं की एक टीम ने आकाशगंगा में एक खगोलीय रहस्य की खोज की है. विश्वविद्यालय के छात्र टायरोन ओ'डोहर्टी पिछले साल जब अपनी स्नातक थीसिस पर काम कर रहे थे, तब उन्होंने पहली बार रेडियो तरंगों की मैपिंग करते हुए रहस्यमयी वस्तु को देखा. एस्ट्रोफिजिसिस्ट नताशा हार्ले वॉकर के मुताबिक यह वस्तु "हर 18.18 मिनट के अंतराल में ऊर्जा फेंक रही है." नताशा प्रारंभिक खोज के विस्तृत शोध दल की सदस्य हैं.

इंटरनेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी रिसर्च (आईसीएआर) की एक टीम ने ट्विटर संदेश में लिखा, "रेडियो तरंगों की मैपिंग करने वाली एक टीम ने कुछ असामान्य खोज की है, जो एक घंटे में तीन बार ऊर्जा का एक विशाल विस्फोट करती है. और यह खगोलविदों द्वारा पहले देखी गई किसी भी चीज जैसी नहीं है."

"शायद सफेद बौना"

यह खोज ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी भाग में मर्केशन वाइडफील्ड एरे नामक रेडियोस्कोप से कम आवृत्ति वाली तरंगों का उपयोग करके की गई थी. हार्ले वॉकर के मुताबिक अवलोकन के दौरान वस्तु अंतराल पर दिखाई और गायब होती रही. वे कहती हैं, "यह पूरी तरह से अप्रत्याशित था. यह एक खगोलविद के लिए डरावना था क्योंकि आकाश में ऐसा कुछ भी नहीं है जो ऐसा करता है."

टीम का कहना है कि यह सफेद बौना तारा जिसे मरता हुआ तारा भी कहा जा सकता है, वह हो सकता है. जो तारे बुझने के बाद अपने ही केंद्र में गिर जाते हैं, उन्हें सफेद बौना कहा जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक यह खगोलीय वस्तु हमारे सूरज से 4,000 प्रकाश वर्ष दूर है और इसका चुंबकीय क्षेत्र बहुत मजबूत है. इस खबर ने वैज्ञानिक समुदाय में रुचि की एक नई लहर पैदा कर दी है.

विशेषज्ञों के अनुसार खोजी गई वस्तु को समझने के लिए अभी और शोध की जरूरत है. वॉकर के मुताबिक, "यदि आप सभी अनुमान लगाते हैं, तो आप सोचेंगे कि इस वस्तु में इतनी शक्ति नहीं होनी चाहिए कि हर बीस मिनट में इतनी शक्तिशाली रेडियो तरंगें उत्सर्जित कर सकें. यह संभव नहीं होना चाहिए."

टीम लीडर के मुताबिक संकेत विभिन्न फ्रीक्वेंसियों पर देखा गया था. इसका मतलब था कि यह "एक प्राकृतिक प्रक्रिया" थी और "कृत्रिम संकेत नहीं था."

एए/सीके (एएफपी)

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