1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
विज्ञाननीदरलैंड्स

विलुप्त हो चुके मैमथ के मांस का कोफ्ता

३० मार्च २०२३

विलुप्त ऊनी मैमथ के डीएनए का इस्तेमाल करके मांस से बने एक विशाल मीटबॉल को एक म्यूजियम में पेश किया गया है.

https://p.dw.com/p/4PTLa
लैब में बना मैमथ का मांस
लैब में बना मैमथ का मांसतस्वीर: Piroschka van de Wouw/REUTERS

विलुप्त ऊनी मैमथ के डीएनए का इस्तेमाल करके मांस से बने एक विशाल मीटबॉल को एक म्यूजियम में पेश किया गया है. मांस को मैमथ के डीएनए से प्रयोगशाला में बनाया गया है.

कई हजार साल पहले विलुप्त हो चुके इस विशालकाय जानवर के मांस से बने विशाल कोफ्ते को नीदरलैंड्स के 'निमो' साइंस म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया. यह मीटबॉल जिसे कोफ्ता भी कहा जाता है, उसे ऑस्ट्रेलियाई कल्चर्ड मीट कंपनी वाओ (Vow) ने तैयार किया है. कंपनी ने कहा कि आम जनता को इस मीट को 'अप्रैल फूल' का मजाक नहीं समझना चाहिए.

वाओ के संस्थापक टिम नोआकस्मिथ ने कहा, "हम कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो अब मिलने वाली किसी भी चीज से बिल्कुल अलग हो." साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ने ऊनी मैमथ से मांस का उत्पादन करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि इस विशालकाय जानवर के पूरी तरह से विलुप्त होने का कारण जलवायु परिवर्तन  था.

अब डोडो पक्षी को फिर से जिंदा करने की कोशिश होगी

मैमथ के जीन का इस्तेमाल

ऑस्ट्रेलियाई कंपनी वाओ ने प्रयोगशाला में इस मांस का उत्पादन करने के लिए भेड़ की कोशिकाओं का इस्तेमाल किया, लेकिन इन कोशिकाओं में मैमथ के मायोग्लोबिन नाम के एक जीन को जीन जोड़ा गया.

वाओ के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी जेम्स रायल ने कहा, "जब मांस की बात आती है, तो मायोग्लोबिन सुगंध, रंग और स्वाद के लिए जिम्मेदार होता है."

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मांस का उत्पादन करने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले मैमथ के डीएनए और आनुवंशिक सामग्री में कुछ स्थानों पर आनुवंशिक डेटा में कुछ अंतराल थे, जो एक अफ्रीकी हाथी के डीएनए द्वारा भरे गए थे.

मैमथ मीटबॉल
मैमथ मीटबॉलतस्वीर: Piroschka van de Wouw/REUTERS

क्या खाने लायक है यह मांस

रायल कहते हैं, "यह लगभग फिल्म 'जुरासिक पार्क' की तरह था, लेकिन निर्णायक बात यह है कि हमने इस जीन का इस्तेमाल कल्चर्ड मांस का उत्पादन करने के लिए किया ना कि जानवर को पैदा करने के लिए."

वाओ का कहना है कि इस मांस के उत्पादन में किसी भी जानवर को नहीं मारा गया, क्योंकि कल्चर्ड मीट के उत्पादन में अक्सर मृत बछड़े के खून का इस्तेमाल किया जाता है.

नोआकस्मिथ ने कहा, "इसका प्रोटीन वास्तव में 4,000 साल पुराना है और हमने लंबे समय से इसे नहीं देखा है. इसलिए इसे हम कठोर परीक्षणों से गुजरना चाहते हैं, कुछ ऐसा जैसे कि हम बाजार में लाए जाने वाले किसी भी उत्पाद के साथ करते हैं."

इस 'कल्चर्ड मीट' कंपनी के मुताबिक भविष्य में लैब में तैयार मीट को यूरोपीय संघ में पेश करने की उम्मीद है. लेकिन इस बाजार में ऐसे मीट को भोजन जैसे मांस के रूप में अभी तक विनियमित नहीं किया गया है.

एए/वीके (रॉयटर्स)