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अपराधजर्मनी

जर्मनी: तख्तापलट की साजिश से जुड़े आरोपितों पर मुकदमा शुरू

२९ अप्रैल २०२४

दिसंबर 2022 में जर्मनी में तख्तापलट की एक गहरी साजिश सामने आई थी. अब इस कथित राइषबुर्गर मूवमेंट नाम के समूह से जुड़े आरोपितों पर मुकदमा शुरू हुआ है. इल्जाम है कि ये हिंसा के सहारे सत्ता हथियाने की साजिश में शामिल थे.

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कथित 'राइषबुर्गर' समूह की तख्तापलट साजिश से जुड़े तीन ट्रायलों में से एक की शुरुआत श्टुटगार्ट में हुई.
श्टुटगार्ट के उच्च क्षेत्रीय न्यायालय में कथित 'राइषबुर्गर' समूह के सात आरोपितों पर मुकदमा शुरू हुआ है. ट्रायल की शुरुआत में कोर्ट ले जाया जा रहा एक मुलजिम.तस्वीर: Bernd Weißbrod/dpa-Pool/picture alliance

जर्मनी के श्टुटगार्ट शहर की एक अदालत में "राइषबुर्गर" (राइष सिटिजन) समूह के नौ आरोपितों के खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ है. आरोपितों पर हत्या की कोशिश और हिंसक तख्तापलट की साजिश का आरोप है. इल्जाम है कि यह समूह तख्तापलट के सहारे देश में मार्शल लॉ लागू करना चाहता था.

नाकाम रही इस कथित साजिश में कुल 27 लोगों पर आरोप हैं और श्टुटगार्ट में शुरू हुआ मुकदमा इस मामले से जुड़े तीन ट्रायलों में से एक है. इन्हें जर्मनी के इतिहास की सबसे बड़ी कानूनी कार्रवाइयों में से एक बताया जा रहा है.

पूरा प्रकरण

यह मामला दिसंबर 2022 में सामने आया था. 7 दिसंबर 2022 की सुबह जर्मनी के 11 राज्यों में विशेष सुरक्षा बल और पुलिस ने 100 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान 25 लोग गिरफ्तार किए गए. इन सभी पर एक चरमपंथी आतंकवादी संगठन से जुड़े होने का आरोप लगाया गया.

बताया गया कि ये सभी राइषबुर्गर नाम की एक मुहिम से जुड़े हैं, जो आधुनिक जर्मन राष्ट्र को नकारता है. राइषबुर्गर का मतलब है, राइष के नागरिक. यह समूह दूसरे विश्व युद्ध के बाद बने फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी (संघीय गणतंत्र जर्मनी) का अस्तित्व और जर्मन सरकार के प्रभुत्व को नकारता है. इनका मानना है कि 1937 के तत्कालीन जर्मन साम्राज्य की सीमाएं अब भी वैध हैं.

श्टुटगार्ट का उच्च क्षेत्रीय न्यायालय
जांचकर्ताओं के मुताबिक, श्टुटगार्ट ट्रायल में जिन नौ आरोपितों पर मुकदमा चल रहा है, वे तख्तापलट की साजिश के "सैन्य ढांचे" से ताल्लुक रखते थे. तस्वीर: Bernd Weißbrod/dpa/picture alliance

तख्तापलट की तैयारी

यह समूह सशस्त्र विद्रोह के सहारे मौजूदा सरकार को हटाकर अपनी सत्ता कायम करने का मंसूबा बना रहा था. तख्तापलट को अंजाम देने के लिए संदिग्ध पूरे जर्मनी में 280 के करीब हथियारबंद इकाइयां गठित करने की योजना बना रहे थे. जांचकर्ताओं के मुताबिक, तख्तापलट सफल रहने की स्थिति में इन सशस्त्र इकाइयों को लोगों की "गिरफ्तारी और हत्या" की भूमिका निभानी थी. जांचकर्ताओं के अनुसार, यह समूह हथियार भी जमा कर रहा था.

जर्मनी की आंतरिक खुफिया एजेंसी 'फेरफासुंग्सशुत्स' के मुताबिक, इस समूह के सदस्यों की संख्या करीब 21,000 है और इनकी गतिविधियों पर 2016 से ही नजर रखी जा रही थी. यह निगरानी अक्टूबर 2016 की एक घटना के बाद शुरू हुई, जब जर्मन राज्य बवेरिया में एक दक्षिणपंथी चरमपंथी ने एक पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी. बताया गया कि इस चरमपंथी का संबंध राइषबुर्गर आंदोलन से है.

नकद, हथियार और कारतूस भी जमा किए थे

इस समूह के नेतृत्व की बागडोर हाइनरिष XIII प्रिंस रॉइश के हाथ में थी. रॉइश रीयल एस्टेट में निवेशक हैं और उनका ताल्लुक एक पुराने शाही परिवार "हाउस ऑफ रॉइश" से है. रॉइश का ट्रायल मई में शुरू होगा. इल्जाम है कि तख्तापलट होने पर रॉइश के समर्थक उन्हें जर्मन स्टेट का अस्थायी प्रमुख नियुक्त करना चाहते थे. 

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, 29 अप्रैल से जिन नौ आरोपितों पर मुकदमा शुरू हुआ है, उनपर अपनी योजना के क्रम में करीब पांच लाख यूरो, 380 बंदूक, 350 ब्लेड वाले हथियार और लगभग 148,000 राउंड के कारतूस जमा करने का आरोप है. इस मुकदमे में 270 पुलिस अधिकारियों समेत 300 से भी ज्यादा लोग गवाह बनाए गए हैं.

जांचकर्ताओं के मुताबिक, श्टुटगार्ट ट्रायल के आरोपित तख्तापलट की साजिश के "सैन्य ढांचे" से ताल्लुक रखते थे. समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, इनमें स्पेशल फोर्सेज का एक सैनिक भी शामिल है. इल्जाम है कि उसने सेना के बैरकों में जासूसी की. बाकी आरोपितों में आलेक्जांडर क्यू नाम का एक शख्स है, जो कथित तौर पर समूह का दुष्प्रचार तंत्र संभालता था और टेलिग्राम ऐप के जरिये भ्रामक जानकारियां फैलाता था.

जांचकर्ताओं के मुताबिक, आरोपितों ने "एक सशस्त्र समूह को बर्लिन स्थित संसद भवन के भीतर घुसाने, सांसदों को हिरासत में लेने और व्यवस्था खत्म करने की योजना बनाई थी. वे जानते थे कि सत्ता पर कब्जा करने के लिए लोगों को मारना होगा." जर्मनी की आंतरिक मामलों की मंत्री नैंसी फेजर ने इस ट्रायल की शुरुआत पर कहा, "ये उग्रवादी राइषबुर्गर हमारे लोकतंत्र के प्रति नफरत से प्रेरित थे. इन चरमपंथी संगठनों की कलई पूरी तरह खुलने और इन्हें खत्म किए जाने तक हम अपनी कार्रवाई जारी रखेंगे."

मुकदमे में लग सकते हैं कई साल

श्टुटगार्ट ट्रायल राइषबुर्गर मामले से जुड़े दो अन्य मुकदमे फ्रैंकफर्ट और म्यूनिख में होंगे. फ्रैंकफर्ट ट्रायल 21 मई से और म्यूनिख ट्रायल 18 जून से शुरू होगा. फ्रैंकफर्ट की अदालती कार्यवाही में 10 लोग शामिल हैं, जिन्हें कथित रूप से रिंगलीडर बताया जा रहा है. इल्जाम है कि पूरी योजना रचने में इनकी मुख्य भूमिका थी. म्यूनिख ट्रायल में उन आठ संदिग्धों पर मुकदमा चलेगा, जिनपर समूह से साथ जुड़े होने का आरोप है. 

फिलहाल जजों ने श्टुटगार्ट मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए जनवरी 2025 की समयसीमा तय की है. हालांकि, मामले की जटिलता और गवाहों-संदिग्धों की बड़ी संख्या को देखते हुए कई जानकार अनुमान जता रहे हैं कि अदालती कार्यवाही पूरी होने में कई साल लग सकते हैं. 

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एसएम/आरएस (रॉयटर्स, एएफपी)