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अपराधलेबनान

30 साल से गवर्नर हैं और अब चार देशों की पुलिस खोज रही है

२६ मई २०२३

रियाद सालामेह को लेबनान की अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने वाले के रूप में जाना जाता था. फिलहाल आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप में कई देशों की सरकारें उन पर मुकदमा चलाने की तैयारी में हैं और उनके बैंक खाते जब्त किये जा रहे हैं.

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सालामेह के खिलाफ जर्मनी, फ्रांस और इंटरपोल ने वारंट जारी किया है
लेबनान के सेंट्रल बैंक के गवर्नर रियाद सालामेहतस्वीर: Hussein Malla/AP Photo/picture alliance

लेबनान में हिज्बुल्लाह के प्रमुख ने देश के सेंट्रल बैंक के गवर्नर से इस्तीफा देने को कहा है. ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह ने कहा है कि गवर्नर रियाद सालामेह या तो इस्तीफा दे दें या फिर उन्हें पद से हटा दिया जाएगा. बुधवार को सालामेह से लेबनान के एक जज ने पूछताछ की. उनके लेबनानी और फ्रेंच पासपोर्ट जब्त किए जा चुके हैं. लेबनान ने सालामेह के देश के बाहर जाने पर रोक लगा दी है.

भ्रष्टाचार के मामलों में फ्रांस में उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ है. उनके पास फ्रांस और लेबनान की दोहरी नागरिकता है. लेबनान अपने नागरिकों को विदेशी सरकारों या अंतरराष्ट्रीय ट्राइब्यूनलों को प्रत्यर्पित नहीं करता है.  नसरल्लाह का कहना है, "हिज्बुल्लाह में हम मानते हैं कि दो विकल्प हैं. पहला है कि गवर्नर अपनी मर्जी से इस्तीफा दे दें." नसरल्लाह के मुताबिक दूसरा रास्ता यह है कि न्यायतंत्र उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाएगा और उन्हें पद से हटा देगा.

हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह ने पहली बार सालामेह से इस्तीफा देने को कहा है. कई और सरकारी अधिकारी यह मांग पहले ही कर चुके हैं. सोमवार को इस मामले में कैबिनेट की बैठक भी हुई लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका.

कौन हैं रियाद सालामेह

रियाद सालामेह को लेबनान की आर्थिक स्थिरता का प्रमुख रचनाकार माना जाता था. सालामेह लेबनान के सेंट्रल बैंक के गवर्नर के रूप में लगभग 30 साल से काम कर रहे हैं. हालांकि अब उन्हें देश के आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है जिसकी शुरुआत 2019 में हुई. लेबनानी पाउंड की कीमत डॉलर के मुकाबले 90 फीसदी से ज्यादा गिर गई है. इसके नतीजे में लेबनान के आम लोगों की सारी जमा पूंजी हवा हो गई है. देश की तीन चौथाई आबादी गरीबी में घिर गई है.

लेबनान में भी सालामेह के खिलाफ जांच चल रही है. सालामेह अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार करते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने इंवेस्टमेंट बैंकर के रूप में मेरिल लिंच की नौकरी, विरासत में मिले धन और निवेश के दम पर संपत्ति जुटाई है. उनका कहना है कि दोषी साबित होने के बाद ही वो इस्तीफा देंगे. सालामेह ने पिछले हफ्ते इंटरपोल की नोटिस के खिलाफ अपील करने की भी बात कही है. जुलाई में मौजूदा कार्यकाल खत्म होने पर उन्होंने पद छोड़ने की बात कही है.

लेबनान में आर्थिक संकट के बीच एक दूसरे का सहारा बनती जनता

इस साल की शुरुआत में जर्मनी, फ्रांस और लग्जमबुर्ग के जांच अधिकारियों ने सालामेह और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की. उन पर कई आर्थिक अपराधों और मनी लाउंड्रिंग के आरोप हैं. उनके खिलाफ मुकदमा दायर करने वाले गैर सरकारी संगठन शेरपा ने उन पर 2019 में संकट शुरू होने के बाद बड़ी मात्रा में देश का पैसा बाहर ले जाने के आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि ट्रैवल बैन लगा कर सालामेह को दूसरे देशों की जांच की गिरफ्त में फंसने से बचाया जा रहा है.

सालामेह के खिलाफ जर्मनी और फ्रांस में जांच

फ्रांस, जर्मनी और लग्जमबुर्ग सालामेह और उनके सहयोगियों के खिलाफ आर्थिक अपराधों की जांच कर रहे हैं. इनमें अवैध तरीके से आई समृद्धि और 33 करोड़ डॉलर की मनी लाउंड्रिंग भी शामिल है. फ्रांस के एक जज ने 16 मई को सालामेह के खिलाफ गिरफ्तारी का अंतराष्ट्रीय वारंट जारी किया. 72 साल के सालामेह जब पूछताछ के लिए पेरिस नहीं पहुंचे तो इसके बाद इंटरपोल ने भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दी.

2019 से शुरू हुई आर्थिक मुश्किलों में लेबनानी मुद्रा की कीमत 90 फीसदी तक गिर गई
भारी आर्थिक मुश्किलों में घिरा हुआ है लेबनानतस्वीर: Bilal Hussein/AP/picture alliance

फ्रांस के जांच अधिकारियों को संदेह है कि तीन दशक तक केंद्रीय बैंक के गवर्नर रहे सालामेह ने सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया और अपने लिए रियल इस्टेट और बैंकों में काफी सारा पैसा जमा किया है. आरोप है कि इसके लिए उन्होंने एक धोखाधड़ी वाला जटिल आर्थिक तंत्र खड़ा किया था. जर्मनी में म्यूनिख के अभियोजन कार्यालय ने रियाद सालामेह की 2.78 करोड़ यूरो की संपत्ति जब्त करने की बात कही है.

इससे पहले फरवरी में भी जर्मनी, फ्रांस और लग्जमबुर्ग में सालामेह की 1.2 करोड़ यूरो की रकम जब्त की गई थी. सालामेह और उनके साथियों पर एक लेबनानी बैंक और लेबनान के वित्त मंत्रालय से 3.3 करोड़ डॉलर का घोटाला करने के आरोप हैं. ये रकम अप्रैल 2002 से मार्च 2015 के बीच कथित तौर पर गबन की गई. म्यूनिख के अभियोजन कार्यालय का कहना है कि संदिग्ध इकोनॉमिक साइकिल में फंड डालते रहे.

सालामेह के खिलाफ संघीय अपराध पुलिस और दूसरे देशों की एजेंसियों के साथ मिल कर जांच की जा रही है. अभियोजक यूलियाने ग्रोत्स का कहना है, "जब्त किए गए धन का कुछ हिस्सा जर्मनी में महंगे कारोबारी रियल इस्टेट में लगाया गया है, खासतौर से म्यूनिख में."

एनआर/एमजे (एपी, डीपीए)