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तकनीकसंयुक्त राज्य अमेरिका

संगीतकारों की गुहारः हमें एआई से बचाओ

३ अप्रैल २०२४

फ्रैंक सिनात्रा एस्टेट, बिली इंग्लिश और स्मोकी रॉबिनसन जैसे बड़े-बड़े संगीत सितारों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अपने लिए सुरक्षा की मांग की है. एक खुले खत में इन कलाकारों ने एआई को “मानवीय रचनात्मकता पर हमला” बताया है.

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केटी पेरी
गायिका केटी पेरीतस्वीर: dapd

‘बैड गाई' जैसे 2023 के सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक रचने वालीं बिली इंग्लिश और 1960 व 1970 के दशक के सुपरस्टार रहे स्मोकी रॉबिन्सन जैसे बड़े-बड़े संगीत सितारों को लगता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रचनात्मकता के लिए खतरा है. इन सितारों ने एक खुला खत लिखा है, जिसमें कलाकारों को एआई से सुरक्षा देने की मांग की गई है.

‘आर्टिस्ट राइट्स अलायंस' नामक गैरसरकारी संगठन द्वारा जारी यह खत कहता है, "हमें एआई द्वारा पेशेवर कलाकारों की आवाजों और उनकी नकल को चुराने के खिलाफ सुरक्षा करनी चाहिए. यह रचनाकारों के अधिकारों का उल्लंघन है और पूरी संगीत-व्यवस्था को खत्म कर रहा है.”

जायज हक का सवाल

पिछले करीब दो साल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की लोकप्रियता और इस्तेमाल में लगातार तेजी आई है. लेकिन इसका दुरुपयोग भी उसी तेजी से बढ़ा है. इस कारण बहुत से कलाकारों ने चिंता जताई है. उनका कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने फ्रॉड और उनके काम की चोरी के बहुत से रास्ते खोल दिए हैं. एआई कंटेंट की चोरी ना कर सके, इसके लिए भी कई तरह के तकनीकी विकास पर काम हो रहा है. 

खत पर केटी पेरी, जे बैलविन और पर्ल जैम जैसे कलाकारों ने दस्तखत किए हैं. वे लिखते हैं, "हम सभी डिजिटल म्यूजिक प्लैटफॉर्म और संगीत से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराने वालों से अनुरोध करते हैं कि संगीत तैयार करने वाले कलाकारों की जगह वे एआई आधारित म्यूजिक जेनरेशन तकनीकका इस्तेमाल ना करें या हमें हमारे काम के लिए जायज धन से महरूम ना करें.”

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कलाकार कहते हैं कि अगर एआई पर नियंत्रण नहीं किया गया तो एक ऐसी होड़ शुरू हो जाएगी जो पतन की ओर ले जाएगी और उनके काम की कीमत को कम करके जायज हक उनसे छीन लेगी.

कानूनी कदमों की जरूरत

पिछले महीने ही अमेरिका के टेनेसी राज्य ने ‘एल्विस एक्ट' नाम से एक कानून पारित किया था जिसके तहत कलाकारों को एआई के खिलाफ सुरक्षा मुहैया की गई है. अमेरिकी संगीत के गढ़ नैशविल शहर वाला टेनेसी ऐसा करने वाला अमेरिका का पहला राज्य बन गया है.

एनश्योरिंग लाइकनेस, वॉइस एंड इमेज सिक्योरिटी (एल्विस) एक्ट इसी साल 1 जुलाई से लागू हो जाएग. इसमें कहा गया है कि बिना कलाकार की सहमति के एआई टूल के जरिए कलाकार की आवाज की नकल नहीं की जा सकती. एआई से किसी भी व्यक्ति की आवाज की नकल करना अब चुटकियों का खेल हो गया है.

इस क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ताओं और कलाकारों ने टेनेसी के इस कानून को ऐतिहासिक बताते हुए इसकी तारीफ की है. अब अमेरिका में संघीय स्तर पर और अन्य कई राज्यों में भी ऐसे ही कानून लाने पर विचार किया जा रहा है.

कलाकार इस बात से इनकार नहीं करते कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने उनके लिए भी बहुत सी नई संभावनाएं पैदा की हैं. आर्टिस्ट्स राइट्स अलायंस (एआरए) ने कहा, "एआई में मानवीय रचनात्मकता को आगे बढ़ाने की असीमित संभावनाएं हैं” लेकिन इसके नकारात्मक नतीजे से सावधान रहने की भी जरूरत है.

एआरए के जेन जैकबसन कहते हैं, "स्ट्रीमिंग की दुनिया में कलाकार पहले से ही कमाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अब उनके ऊपर एआई के पैदा किए शोर के साथ प्रतिद्वन्द्विता का बोझ भी आन पड़ा है.”

वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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