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बढ़ रही है युआन में भुगतान करने वाले देशों की संख्या

२८ अप्रैल २०२३

रफ्तार भले ही कम है लेकिन अंतरराष्ट्रीय भुगतान के लिए चीन की करंसी युआन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

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मजबूत हो रही है चीनी मुद्रा युआन
मजबूत हो रही है चीनी मुद्रा युआनतस्वीर: La Nacion/ZUMAPRESS/picture alliance

विश्लेषकों का कहना है कि जिस तरह से युआन में किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय भुगतानों की संख्या बढ़ रही है, उससे अमेरिकी डॉलर के समानांतर एक नई भुगतान व्यवस्था की नींव तैयार हो रही है. आंकड़ों के मुताबिक मार्च में पहली बार ऐसा हुआ कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले युआन में ज्यादा भुगतान किया गया.

हालांकि अमेरिकी डॉलर अब भी दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक भुगतानों की प्रमुख मुद्रा है, लेकिन मध्य पूर्व से लेकर रूस तक ऐसे देशों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार में भुगतान युआन में कर रहे हैं.

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हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि चीन की सरकार चूंकि युआन पर अपनी पकड़ बेहद मजबूत बनाए रखना चाहेगी, इसलिए ऐसी संभावना फिलहाल कम ही दिखती है कि पूरी दुनिया में आपसी भुगतान युआन में होने लगे, लेकिन नया व्यापारिक ढांचा खड़ा होता दिख रहा है. खासतौर पर रूस को पश्चिमी भुगतान व्यवस्था से बाहर किए जाने के कदम ने इस व्यवस्था को मजबूती दी है, क्योंकि रूस के साथ व्यापार करने वाले देश अब वैकल्पिक व्यवस्थाएं तलाश रहे हैं.

चीन क्या चाहता है?

हांग कांग में बीएनपी परिबास एसेट मैनेजमेंट में निवेश प्रबंधन रणनीतिकार ची लो कहते हैं, "चीन, रूस और ब्राजील दुनिया के सबसे बड़े कमोडिटी निर्यातक और आयातक हैं. वे अब अंतरराष्ट्रीय लेन-देने के लिए युआन का इस्तेमाल करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. उनका सहयोग अन्य देशों को भी युआन की ओर आकर्षित कर सकता है और धीरे-धीरे यह समूह युआन के इस्तेमाल को बढ़ा सकता है, जिससे डॉलर को नुकसान होगा.”

फिलहाल अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में युआन का हिस्सा मात्र 2.2 प्रतिशत है, जिसे चीन बढ़ाना चाहता है. लेकिन ऐसा लगता है कि वह अपने पूंजी खातों को बाकी देशों के लिए खोलना नहीं चाहता, जिससे कि युआन का इस्तेमाल भी उसी आजादी के साथ हो सके, जिस आजादी के साथ डॉलर, यूरो या येन प्रयोग किए जाते हैं.

प्रतिबंधों का लाभ

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से पश्चिमी देशों ने रूस पर जो वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं, उन्होंने इस दिशा में प्रगति को और रफ्तार दे दी है. रूस अब चीन के बाहर युआन में लेन-देन का चौथा सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है. रूस के मुद्रा बाजार में युआन की हिस्सेदारी पिछले साल की शुरुआत में सिर्फ एक फीसदी थी. अब यह बढ़कर 40 से 45 प्रतिशत तक हो चुकी है. स्विफ्ट के मुताबिक दो साल पहले वैश्विक व्यापारिक वित्त में उसकी हिस्सेदारी 1.3 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो चुकी है. डॉलर की हिस्सेदारी 84 फीसदी है.

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वॉशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटिजिक एंड इंटरनेशनल स्ट्डीज के जेरार्ड डिपीपो और एंड्रिया लिओनार्ड पालाजी ने पिछले हफ्ते एक लेख में लिखा, "यह वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर की जगह नहीं ले पाएगा लेकिन चीन के व्यापारिक लेनदेन में युआन ने डॉलर की जगह लेना शुरू कर दिया है.”

वे लिखते हैं कि युआन के अंतरराष्ट्रीयकरण से चीन के कई लक्ष्य पूरे हो सकते हैं, जैसे कि करंसी रेट में उतार-चढ़ाव के कारण संभावित खतरों से सुरक्षा और अमेरिकी वित्तीय प्रतिबंधों से बचाव.

बहुत समय लगेगा

दुनियाभर के व्यापारिक लेन-देन पर अमेरिकी डॉलर, यूरो, स्टर्लिंग और येन का कब्जा है और उसमें फिलहाल तो कोई बदलाव आता नहीं दिख रहा है. ऐसा इसलिए है कि सभी खुली अर्थव्यवस्थाओं के लिए ये मुद्राएं आराम से उपलब्ध हैं, जो चीनी युआन के मामले में नहीं है.

बीजिंग स्थित हुआचुआंग सिक्योरिटीज में विश्लेषक जांग यू कहते हैं, "अधिकतर लेनदेन में आयातकों के पास व्यापारिक शर्तें जैसे कि कीमतें और भुगतान की मुद्रा तय करने का अधिकार होता है. इसलिए निर्यातकों को युआन का इस्तेमाल करने के लिए आयातकों को युआन में भुगतान के लिए मनाना होगा, जिसमें बहुत लंबा समय लगेगा.”

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चीन को भी देश के बाहर युआन का एक सीमित भंडार उपलब्ध कराना होगा, जिस पर नियंत्रण करना उसके लिए मुश्किल हो जाएगा. ऑस्ट्रेलिया स्थित वीलर मैनेजमेंट कंसल्टिंग के ट्रेड रिस्क कंसल्टेंसी प्रमुख ऐंड्रे वीलर कहते हैं, "युआन के इस्तेमाल का आकार बढ़ने के लिए दस साल या उससे भी ज्यादा समय लग सकता है. अगर ऑस्ट्रेलिया के लौह अयस्क व्यापार का भुगतान युआन में करना चाहें, तो मुझे नहीं लगता कि चीन इतने बड़े आकार को संभाल पाएगा.”

फिर भी, बहुत से व्यापारिक साझीदार युआन की ओर आकर्षित हो रहे हैं. मसलन, अर्जेंटीना ने कहा है कि वह चीनी उत्पादों के लिए भुगतान डॉलर में नहीं बल्कि युआन में ही करना चाहता है. अर्जेंटीना के मामले में युआन का इस्तेमाल फायदेमंद है क्योंकि इससे उसका लड़खड़ाता डॉलर रिजर्व बचता है.

वीके/एए (रॉयटर्स)

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