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राजनीतिइंडोनेशिया

बड़ी ताकतों का अखाड़ा न बने आसियान

१४ जुलाई २०२३

आसियान सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए इंडोनेशिया की विदेश मंत्री ने आगाह किया है कि, "हिंद-प्रशांत एक और लड़ाई का मैदान नहीं बनना चाहिए."

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अमेरिका और रूस के विदेश मंत्री, दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ एक सुरक्षा बैठक में भाग ले रहे हैं
तस्वीर: Dita Alangkara/AP Photo/picture alliance

इंडोनेशिया की राजधानी जर्काता में दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के विदेश मंत्री जमा हुए हैं. आसियान सम्मेलन में शिकरत करने आए इन प्रतिनिधियों के सामने हिंद प्रशांत क्षेत्र में बढ़ रहा तनाव अहम मुद्दा है. सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए इंडोनेशिया की विदेश मंत्री रेत्नो मार्सुदी ने कहा कि तीखी होती प्रतिस्पर्धा, हिंद प्रशांत क्षेत्र को लगातार विभाजित कर रही है. 

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भी ऐसी ही चिंताएं जताई. जोकोवी के नाम से लोकप्रिय इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने कहा, "आसियान एक प्रतिस्पर्धा नहीं हो सकता, यह किसी देश का मोहरा नहीं हो सकता, और अंतरराष्ट्रीय कानून का हर वक्त सम्मान होना चाहिए."

ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता तनाव, बीजिंग के मॉस्को के साथ घनिष्ठ होते संबंध और दक्षिण प्रशांत में प्रभाव के लिए रस्साकशी जैसे मुद्दों के बीच यह सम्मेलन हो रहा है.

हिंद प्रशांत क्षेत्र में फैलता तनाव

हिंद प्रशांत क्षेत्र वैश्विक कारोबार के लिहाज से दुनिया का सबसे अहम इलाका है. लेकिन बीते एक दशक में वहां दुनिया की पहली और दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच तनाव चल रहा है. अमेरिका समेत कई देश समंदर में मुक्त आवाजाही के अधिकार की सुरक्षा चाहते हैं. इन देशों का आरोप है कि चीन अपनी सैन्य शक्ति की बदौलत, छोटे देशों को डरा रहा है और मुक्त आवाजाही के अधिकार को बाधित करने की कोशिश कर रहा है.

अमेरिका और रूस के विदेश मंत्री, दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ एक सुरक्षा बैठक में भाग ले रहे हैं. इस बैठक के एजेंडे में विवादित दक्षिण चीन सागर, यूक्रेन युद्ध और उत्तर कोरिया का मिसाइल कार्यक्रम है.

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडोतस्वीर: Indonesian Presidency

यह 27-सदस्यीय आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) इन देशों को आपस में कई मुद्दों को सुलझाने का एक मंच देगा.  एआरएफ की मेजबानी इस बार इंडोनेशिया कर रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन, चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एआरएफ में भाग ले रहे हैं. एआरएफ को सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए गठित किया गया था और इसमें जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं.

कहां और कैसे उलझते जा रहे हैं अमेरिका और चीन

एक अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक इस दौरान ब्लिंकेन ने वांग से कहा है कि अमेरिकी सरकार के ईमेल खातों पर सेंध के मामले में हैकर्स को "जवाबदेह" ठहराया जाएगा. इस घटना के लिए चीनी राज्य समर्थित लोगों को दोषी ठहराया गया था. बीजिंग के विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार वांग ने वाशिंगटन से आग्रह किया है कि वे  संबंध सुधारने के लिए "चीन के साथ एक ही दिशा में काम करें" और चीन के मामलों में हस्तक्षेप बंद करें.

आसियान क्षेत्रीय मंच में उत्तर कोरिया का एक अधिकारी मौजूद रहेगा, लेकिन प्योंगयांग ने अपने विदेश मंत्री को जकार्ता भेजने से इनकार किया है. उत्तर कोरिया ने गुरुवार को कहा कि उनके ठोस ईंधन अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण सफल रहा है. ऐसी उम्मीद थी कि पश्चिमी देशों द्वारा बैठक में उत्तर कोरिया के मिसाइल लांच की और म्यांमार में जुंटा के नागरिकों पर कथित हमलों की निंदा होगी. आसियान बैठकों मेंम्यांमार की स्थिति सप्ताह का अहम मुद्दा रहा. इस बैठक में जुंटा को भाग लेने से रोक दिया गया है.

एचवी/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)