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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को मिली पहली महिला वाइस चांसलर

२३ अप्रैल २०२४

नईमा खातून को पांच सालों के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है. यूनिवर्सिटी की स्थापना के 123 सालों बाद पहली बार एक महिला को वीसी की जिम्मेदारी दी गई है.

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Indien | Aligarh Muslim University
123 में पहली बार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की वीसी बनीं एक महिलातस्वीर: Hindustan Times/Imago Images

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की नई वाइस चांसलर के तौर पर नईमा खातून को नियुक्त किया गया है. यूनिवर्सिटी के 123 सालों के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक महिला को वीसी बनाया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद नाइमा खातून को शिक्षा मंत्रालय ने पांच सालों के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी है.

चूंकि यह नियुक्ति लोकसभा चुनाव के दौरान हुई है और फिलहाल अचार संहिता लागू है इसलिए चुनाव आयोग से भी इसकी मंजूरी ली गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग ने कहा कि अचार संहिता को ध्यान में रखते हुए आयोग को नाइमा खातून की नियुक्ति पर कोई आपत्ति नहीं है.

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नईमा खातून को पांच साल के लिए सौंपी गई है जिम्मेदारीतस्वीर: Murali Krishnan/DW

नईमा खातून का अकादमिक सफर

नईमा ने साल 1988 में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में साइकॉलजी डिपार्टमेंट में बतौर लेक्चरर अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने इसी विषय में अपनी पीएचडी भी की है. वह 2013 से 2014 तक इस विभाग की चेयरपर्सन भी रह चुकी हैं. अपने अकादमिक योगदानों के बलबूते उन्हें 2014 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमेंस कॉलेज का प्रिसिंपल बना दिया गया.

प्रिसिंपल के साथ साथ वह यूनिवर्सिटी के कई अहम प्रशासनिक पदों पर भी रही हैं जैसे डिप्यूटी प्रॉक्टर और रेसिडेंशियल कोचिंग की डेप्यूटी डायरेक्टर. इसके अलावा एक साल के लिए वह यूनिवर्सिटी ऑफ रवांडा में भी पढ़ाने गई थीं.

रिसर्च के अलावा नईमा खातून अब तक अपनी छह किताबें प्रकाशित कर चुकी हैं. उनके रिसर्च पेपर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किए जा चुके हैं.

क्यों खास है नईमा खातून की नियुक्ति

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है. लेकिन सौ साल से भी अधिक बीत जाने के बाद अब तक किसी भी महिला ने इस यूनिवर्सिटी की वीसी का पद नहीं संभाला था. इसलिए नईमा खातून की नियुक्ति एक मिसाल के तौर पर देखी जा रही है. इससे पहले साल 1920 में बेगम सुल्तान जहां इस यूनिवर्सिटी की पहली चांसलर बनाई गई थीं.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अलावा भारत में केवल दो और केंद्रीय विश्वविद्यालय ही हैं जिनकी वाइस चांसलर महिलाएं रही हैं. शांतिश्री जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की वीसी बनीं और नजमा अख्तर जामिया मिलिया इस्लामिया की, जिसका कार्यकाल 2023 में पूरा हुआ.